- वन नेशन, वन एप्लीकेशन पहल का नेतृत्व कर रही हमारी संसद
- एआई के जरिए ‘स्पीच-टू-टेक्स्ट’ में रूपांतरण
- नागरिक देख सकते हैं कि क्या कर रहे हैं उनके सांसद
नए भारत (New india) का अत्याधुनिक नया संसद भवन बनकर तैयार है। नए युग की आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से निर्मित संसद का नया भवन ‘डिजिटल संसद’ के अनुरूप है। नए भवन का उद्घाटन होने के साथ ही भारत में ‘डिजिटल संसद’ का भी शुभारम्भ होने जा रहा है। लोकसभा सचिवालय की महत्वाकांक्षी योजना संसद को अपनी तरह का ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने की है जहां सांसद न केवल आसानी से सभी संसदीय रिकॉर्डस हासिल कर सकें बल्कि उन्हें ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए संसद की कार्यवाही की प्रतिलिपि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में तत्काल मिल सके। बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की पहली सरकार 26 मई 2014 में बनी थी, जबकि दूसरा कार्यकाल 30 मई 2019 को शुरू हुआ था। एनडीए सरकार अपनी नौवीं वर्षगांठ का उत्सव 29 मई से शुरू कर रही हैं। अटकलें हैं कि प्रधानमंत्री इसी दौरान पार्लियामेन्ट की नई बिल्डिंग का उद्घाटन कर सकते हैं।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। संसद को लोकतंत्र के मंदिर की संज्ञा दी जाती है। भारत की संसद ‘वन नेशन, वन एप्लीकेशन’ पहल का नेतृत्व कर रही है। ‘वन नेशन, वन एप्लीकेशन’ प्लेटफार्म का उद्देश्य सांसदों को पोर्टल के ‘नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम’ के जरिए संसदीय कार्यवाही के सभी स्रोतों तक त्वरित पहुंच की अनुमति देना है जबकि सचिवालय सूचनाओं का ऑनलाइन प्रसार करेगा। पोर्टल मंत्रालयों और संसद के बीच शुरू से आखिर तक डिजिटल संचार की सुविधा प्रदान करेगा।
भारत की संसद ने सांसदों के कार्यों में ज्यादा दक्षता लाने के उद्देश्य से और अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़ने मामले में काफी पहले ही सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उपयोग के औचित्य को साबित किया था। नए भारत (New india) की अत्याधुनिक संसद ने दोनों सदनों के अपने कामकाज में अधिक दक्षता, पारदर्शिता और पहुंच सुलभ कराने के लिए आईसीटी को व्यापक रूप से अपनाया है ताकि उसका लाभ उसके सदस्यों, सचिवालय और नागरिकों को मिल सके।
संसद के नए भवन की पृष्ठभूमि में, जिसे भविष्य की दृष्टि से डिजाइन किया गया है और जो नए भारत (New india) की अत्याधुनिक युग की आकांक्षाओं को पूरा करेगा, ऐसे में जरूरी है कि आईसीटी सिस्टम और एप्लीकेशन्स प्रभावी हों ताकि वह इस शीर्षस्थ संस्था को “स्मार्ट पार्लियामेन्ट” में बदलने के लक्ष्य को हासिल कर सके और नया आईटी सिस्टम विधायी प्रक्रिया का पूरी तरह तरह डिजिटलाइजेशन करने के दृष्टिकोण को हासिल करेगा। ऐसा किया जाना विश्वस्तर के ढांचागत विकास के लिए जरूरी है। यह ऐसी कार्यक्षमताओं का विकास सुनिश्चित करेगा जो ‘डिवाइस-एग्नोस्टिक’ है। ऐसे इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म और डेटाबेस के विकास की जरूरत होगी जहां सभी पक्ष- संसद के सदस्य, विभिन्न समितियां, राजनीतिक दल, नागरिक, सचिवालय और विभिन्न सरकारी मंत्रालयों/विभाग एक ही मंच पर आ सकें, जो यूजर फ्रेंडली हो, निर्बाध और कुशल संचालन में लाभकारी हो। डिजिटल इंडिया के आदर्श वाक्य के अनुरूप होते हुए कागज का कम से कम उपयोग हो।
डिजिटल संसद प्रोजेक्ट के बारे में…
सांसदों को जनता के हित को लेकर उठाए गए मुद्दों के बारे में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को नियमित जानकारी देना आवश्यक होता है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए संसद को अपने संचार माध्यमों को विकसित तकनीकी परिदृश्य के साथ अद्यतन रखना पड़ता है। हालांकि, संसद ने टेक्नालॉजिकल एडवांसमेंट के जरिए डिजिटलाइजेशन का विस्तार किया है। भारत की संसद “ डिजिटल संसद प्रोजेक्ट” को वास्तविकता में बदलने को तैयार है जो संसद के लिए एंटीग्रेटेड प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। डिजिटल संसद परियोजना का उद्देश्य नए भारत (New india) की अत्याधुनिक की संसद के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को एकीकृत और समेकित करना है।
इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म की विशेषताएं
यह एक इंटीग्रेटेड टेक्नालॉजी प्लेटफार्म है जहां सभी हितधारक (सांसद, मंत्रालय, संसद सचिवालय और नागरिक) सहयोगी और पारदर्शी तरीके से निर्बाध रूप से काम कर सकते हैं। इसका उद्देश्य सभी पक्षों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करना है जो निम्नानुसार हैं-
सांसदों के लिए
- संसद के संसाधनों जैसे लाइब्रेरी आदि तक जल्द पहुंच।
- संसदीय बहसों में गुणवत्तापूर्ण भागीदारी के लिए सदस्यों को जानकारी उपलब्ध कराना (ज्ञान प्रबंधन प्रणाली)।
सचिवालय के लिए
- संसदीय कार्यों की शुरू से अंत तक ऑनलाइन प्रोसेसिंग।
- सभी हितधारकों को विभिन्न सूचनाओं की समय पर उपलब्धता।
- विभिन्न मंत्रालयों से पूछे गए सवालों के जवाब के लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली।
मंत्रालयों के लिए
- संसद और मंत्रालयों के बीच डिजिटल संचार।
- संसद में पूछे गए सवालों पर जल्द जवाब को बढ़ावा देना।
नागरिकों के लिए
- संसद के कामकाज और अन्य संबंधित सूचनाओं और संसाधनों तक आसानी से पहुंच।
- सांसदों से सीधा जुड़ाव।
बढ़ती प्रौद्योगिकी पहल
- संसद की वेबसाइट पर अनुवाद के लिए मौलिक भाषा उपलब्ध करना और इसके लिए इंजन विकसित करना- संसद की कार्यवाहियों को आमजन तक पहुंचाने और नए भारत (New india) के निर्माण में सबसे बड़ी बाधाओं में एक भाषा है जिसे सम्बोधित किए जाने की जरूरत है। वर्तमान में, संसद में उपलब्ध सामग्री केवल दो भाषाओं में उपलब्ध है-अंग्रेजी और हिन्दी। अनेक भारतीय ऐसे भी हैं जिन्हें ये दोनों ही भाषाएं समझ में नहीं आती हैं जिसके परिणाम स्वरूप संसद की कार्यवाही समझने से वह वंचित रह जाते हैं। संसद एक ऐसी पहल करने जा रही है जो वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन के कंटेट को भारतीय संविधान की अनुसूची 8 तहत 22 क्षेत्रीय भाषाओं में ऑनलाइन अनुवाद करेगी। उदाहरण के लिए – हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, बंगाली, गुजराती, उड़िया, पंजाबी, असमिया आदि।
- संसद की कार्यवाही को एआई के जरिए लिपिबद्ध करना-संसदीय सत्रों के दौरान होने वाली बहसों को अंग्रेजी और हिन्दी में लिपिबद्ध किया जाता है। यह ट्रांसक्रिप्ट सचिवालय की रिपोर्टिंग शाखा करती है। संसद की ट्रांसक्रिप्ट रिपोर्टिंग ब्रांच को समर्थन देने के लिए एआई का लाभ मिलेगा जो बोले गए भाषण को कम समय में लिपिबद्ध कर देगा। यानी ‘स्पीच-टू-टेक्स्ट’ में रूपांतरण। कार्यवाही के ऑडियो फीड का उपयोग करके संसद सदस्य उस कमी को पूरा कर सकते हैं जो उच्चारण और भाषायी दिक्कतों के कारण उत्पन्न होती हैं।
- एडवांस मेटाडाटा टेगिंग और एआई सर्च फंक्शन-उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग से ऑडियो-वीडियो फाइलों को ऑटोमेटिक सूचीबद्ध करना और टेगिंग करना ज्यादा आसान होगा और भारत में ऑडियो-वीडियो सामग्री का एक विस्तृत स्वचालित प्रतिलेख कई क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जा रहा है। वीडियो टैगिंग उपयोगकर्ता को किसी विशिष्ट शब्द या वाक्यांश के आधार पर किसी वीडियो को (टाइमस्टैम्प के साथ) खोजने में सक्षम बनाती है।
- एआई आधारित संवादी चैट बॉट्स-संसद की वेबसाइट पर होस्ट किए गए संवादी एआई बॉट (चैट और वॉयस) उपयोगकर्ताओं को आसानी से सूचना और सामग्री सुलभ कराने में सक्षम होगा। यह बॉट्स कुछ बोलने और मामूली से क्लिक में ही जानकारी उपलब्ध करा देगा।
- एआई की सहायता से सारांश निकालना– एआई आधारित प्रौद्योगिकी के माध्यम से, न्यूनतम कोशिशों से संसद की कार्यवाहियों का सारांश तैयार किया जा सकेगा।
डिजिटल संसद मोबाइल ऐप (लोकतंत्र का मंदिर सिर्फ एक क्लिक पर)
नए भारत (New india) में लोकसभा ने जनवरी 2022 में ‘डिजिटल संसद ऐप’ नाम से मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया था जिससे नागरिक सदन की लाइव कार्यवाही देख सकते हैं। यह ऐप न केवल केवल सांसदों तक ही संसदीय कार्यवाही को समेट कर रखता है बल्कि देश की जनता तक भी इसकी पहुंच है। डिजिटल संसद ऐप संसद टीवी की लाइव टेलीकॉस्ट के साथ-साथ ऐतिहासिक संसदीय दस्तावेजों को भी दिखाता है। डिजिटल संसद मोबाइल ऐप की लोकप्रियता बहुत है जहां एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर 50 हजार से अधिक डाउनलोड हैं। लोकसभा के माननीय अध्यक्ष के निर्देशन में ‘डिजिटल संसद’ मोबाइल ऐप विकसित किया गया था जो सभी संसद सदस्यों, जनता, शिक्षाविदों, पत्रकारों, शोधकर्ताओं आदि को अपने मोबाइल पर संसदीय कागजात/संसदीय कार्यवाही देखने में सक्षम बनाने वाला है। यह ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों ही मोबाइल प्लेटफार्म पर काम करने में सक्षम है। ऐप में निम्नलिखित विशेषताएं थी
- संसद टीवी का सीधा प्रसारण
- काम करने का तरीका
- सवाल/जवाब
कार्यवाही (केवल 17वीं लोकसभा)
- सदस्यों के बारे में जानकारी
- बुलेटिन I और II
- विधायी बिल
समितियां
- माननीय अध्यक्ष की प्रेस विज्ञप्ति
- संसदीय और ऐतिहासिक दस्तावेज (ई-बुक प्रारूप में)
- संविधान सभा के वक्तव्य
- मूल संविधान की कैलिग्राफिक प्रति
- भारत का अपडेटेड संविधान (2021)
- राष्ट्रपति के अभिभाषण
- संसदीय प्रक्रियाएं
- स्पीकर के दिशा-निर्देश
अपडेटेड 1.5 संस्करण को बजट सत्र 2022 के दौरान नए भारत (New india) के एक नए लोगो के साथ लॉन्च किया गया था और ऐप में निम्नलिखित नई सुविधाओं को कार्यात्मक बनाया गया
- सवालों के बैलेट्स प्रोसीजर
- अखबार
- 1947 से भारत के वित्त मंत्रियों के बजट भाषण
- लोकसभा में सदस्यों की भागीदारी
- 12वीं लोकसभा से 17वीं लोकसभा तक में हुई बहस
- टीवी चैनल – संसद टीवी लाइव और राज्यसभा टीवी (सत्र के दौरान)
- पुरानी संसद और नए संसद भवन का वर्चुअली भ्रमण
- नए संसद भवन पर लघु फिल्म
- महत्वपूर्ण फोन नंबर
- लोकसभा के बारे में
ऐप को और भी समृद्ध बनाने नए भारत (New india) के लिए कुछ नए फीचर और जोड़े गए हैं जो इसे ज्यादा प्रभावशाली और आसानी से समझ में आने वाले बनाते हैं। कुछ फीचर इस तरह हैं-
- युवाओं को ऐप में शामिल करने के लिए क्विज, गेम्स को शामिल करना ताकि वे इसकी ओर आकर्षित हों। क्विज को पूरा करने के बाद प्रतिभागी को फोटो/ प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
- विभिन्न विभागों के विशेषकर वित्त मंत्री के बजट भाषण के मुख्य बिन्दुओं का शॉर्ट वीडियो ऐप पर उपलब्ध कराया जाएगा ताकि उपयोगकर्ता इसे आसानी से खोज सकें।
- इवेंट के प्रमोशन के लिए संसद से जुड़ी फोटो को बैकग्राउंड में लगाना।
- सांसदों को उनके जन्मदिन पर बधाई देना।
- संसद भवन परिसर के वर्चुअल दौरे को और अधिक संवादात्मक बनाया जाएगा।
- अपने सांसद को जानें’ का नया आइकन, जो सांसद के सोशल मीडिया एकाउंट से लिंक होगा। साथ ही पिन कोड जैसे माध्यों से उन्हें खोजने का विकल्प भी दिया जाएगा।
- अनेक भाषाओं में ऐप चलाना।
- यह ऐप दिव्यांग फ्रेंडली होगा। आने वाले समय में इससे जुड़ी नई तकनीक का समावेश किया जाएगा।
- निरंतर सुधार के लिए फीडबैक एप्लीकेशन के आइकन का प्रावधान।
- एक डिजिटल कैलेंडर का प्रावधान।
- एक आइकन का निर्माण जिससे जनता सीधे ही विचाराधीन विभिन्न विधेयकों और मामलों पर अपना इनपुट दे सकती है।
नए भारत (New india) के इस अत्याधुनिक प्रोजेक्ट के तहत, डिजिटल संसद ऐप एक राष्ट्रीय ग्रिड बनने की ओर अग्रसर है। यह ऐप न केवल लोकसभा और राज्यसभा बल्कि अंततः चरणबद्ध तरीके से सभी 31 राज्य विधानसभाओं तक पहुंच को भी सुनिश्चित करेगा।
ये भी पढ़े – आगराफोर्ट-अजमेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Agra Fort-Ajmer Superfast Express) रेलसेवा का बांदीकुई स्टेशन पर ठहराव