Home Country PM- किसान समयबद्ध वित्तीय सहायता के माध्यम से अन्नदाताओं का सशक्तिकरण

PM- किसान समयबद्ध वित्तीय सहायता के माध्यम से अन्नदाताओं का सशक्तिकरण

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PM- किसान समयबद्ध वित्तीय सहायता के माध्यम से अन्नदाताओं का सशक्तिकरण
PM- किसान समयबद्ध वित्तीय सहायता के माध्यम से अन्नदाताओं का सशक्तिकरण
PM- किसान समयबद्ध वित्तीय सहायता के माध्यम से अन्नदाताओं का सशक्तिकरण

11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.42 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान PM किसान सम्मान निधि (PM- किसान) शत्-प्रतिशत भारत सरकार द्वारा अनुदानित केन्द्रीय योजना है। इस योजना के तहत भूमि धारक किसान परिवारों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तीन समान किश्तों में प्रति वर्ष 6000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है। बिना किसी बिचौलियों के यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है, जिसकी वजह से यह दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजनाओं में से एक है।

इस योजना के अन्तर्गत अब तक 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। यही नहीं, कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद किसानों को 1.85 लाख करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जा चुकी है। गौरतलब है कि, 3 करोड़ महिला लाभार्थियों ने भी 57,628 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की है, जो कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में इस योजना के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है ।

अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार, PM किसान सम्मान निधि योजना किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए काफी लाभकारी साबित हुई है। यह किसानों को आर्थिक तंगी से उबारकर आवश्यक कृषि सामग्री खरीदने में मदद करता है। यह योजना कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से आधुनिक खेती तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इसके तहत किसानों को हस्तांतरित की जाने वाली राशि से उनकी कुल आय में वृद्धि होती है, जो उनकी जोखिम लेने की क्षमता को बढ़ाती है एवं उत्पादन में निवेश करने के लिए प्रेरित करती है। PM- किसान योजना के माध्यम से कृषि निवेश को बढ़ावा मिला है, ऋण की कमी दूर हुई है और ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, जिससे अन्नदाता (किसान) सशक्त हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप, किसानों को अपनी खेती में निवेश करने की क्षमता हासिल हुई है, जिससे अन्नदाता बीज, उर्वरक और आवश्यक उपकरण को खरीदने में सक्षम हुए हैं, जिसकी वजह से कृषि उत्पादन में वृद्धि एवं फसलों की पैदावार बेहतर हुई है।

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