खाद्य सुरक्षा एवं पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए योजनाओं के एक अद्वितीय पैकेज को मंजूरी दी है। कैबिनेट ने किसानों (Farmers) के लिए कुल 3.70 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 3.68 लाख करोड़ की खाद सब्सिडी को मंजूरी दी गई। पीएम प्रणाम के नाम से एक नई योजना को भी स्वीकृति दी गई। इसके तहत वैकल्पिक खाद को प्रोत्साहन देने के लिए 1,451 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इसके जरिये मिट्टी की उर्वरता की वापसी, जागरूकता, पोषण और सुधार पर ध्यान दिया जाएगा।
इस तरह किसानों (Farmers) के लिए कुल पैकेज लगभग 3.70 लाख करोड़ रुपये का होगा। सरकार जल्द ही सल्फर कोटेड यूरिया भी लाएगी, ताकि मिट्टी में सल्फर की कमी को पूरा किया जा सके। इसे गोल्डेन यूरिया का नाम दिया गया है।रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि वैसे तो यूरिया सब्सिडी को तीन साल के लिए तीन लाख 68 हजार करोड़ रुपये रखा गया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है, जैसा कि पिछले साल यूक्रेन संकट के दौरान किया गया था।
पैकेज के तहत किसानों (Farmers) को यूरिया 242 रुपये प्रति बोरी (45 किलो ग्राम) की मिलती रहेगी। यह पैकेज आगामी खरीफ सीजन के लिए जारी 38 हजार करोड़ की सब्सिडी से अलग होगी। गोबरधन संयंत्रों से जैविक उर्वरकों को भारतीय ब्रांड एफओएम, एलएफओएम और पीआरओएम के नाम से ब्रांड किया जाएगा।यह एक तरफ फसल के बाद बचे अवशेषों का प्रबंधन करने और पराली जलाने की समस्याओं का समाधान करने में सुविधा प्रदान करेगा। पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने में भी मदद करेगा। साथ ही किसानों (Farmers) को आय का एक अतिरिक्त स्त्रोत प्रदान करेगा। ये जैविक उर्वरक किसानों (Farmers) को किफायती कीमतों पर मिलेंगे।
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