Home क्राइम चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म, फिर पत्थर से कुचलकर की हत्या, राष्ट्रपति(President...

चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म, फिर पत्थर से कुचलकर की हत्या, राष्ट्रपति(President Draupadi Murmu) ने बरकरार रखी दोषी की मौत की सजा

0
President Draupadi Murmu upholds death sentence for raping 4-year-old girl
President Draupadi Murmu upholds death sentence for raping 4-year-old girl

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(President Draupadi Murmu) ने महाराष्ट्र में वर्ष 2008 में एक चार साल की बच्ची से बलात्कार करने और पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या करने के मामले में दोषी करार दिये गए एक व्यक्ति की दया याचिका खारिज कर दी है। दोषी वसंत संपत दुपारे को शीर्ष कोर्ट से पहले ही झटका मिल चुका था।

बच्ची से दुष्कर्म और उसकी हत्या के दोषी की दया याचिका को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(President Draupadi Murmu) ने किया खारिज।

नई दिल्ली,
महाराष्ट्र में 2008 में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म और पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या करने के दोषी व्यक्ति की दया याचिका को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(President Draupadi Murmu) ने खारिज कर दिया है। 25 जुलाई, 2022 को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(President Draupadi Murmu) द्वारा खारिज की गई यह पहली दया याचिका थी।

सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई, 2017 को वसंत संपत दुपारे (तब 55 साल) की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। दुपारे के इस मामले को लेकर राष्ट्रपति सचिवालय को इसी साल 28 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश मिली थी। राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा 28 अप्रैल, 2023 को दया याचिका की स्थिति को लेकर एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘दया याचिका (दुपारे की) को राष्ट्रपति ने (10 अप्रैल को) खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने 2017 में कहा था कि ‘जिस बर्बर तरीके से चार साल के बच्चे की हत्या की गई, वो साफ दर्शाता है कि तब कैसी परिस्थितियां रही होंगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 26 नवंबर, 2014 को ट्रायल कोर्ट के साथ-साथ बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दुपारे को मौत की सजा देने के फैसले को बरकरार रखा था।

कोर्ट ने कही थी ये बात
शीर्ष अदालत ने 14 जुलाई, 2016 को दुपारे की याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई थी, जिन्होंने दावा किया था कि उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपनी दलीलें रखने का उचित मौका नहीं दिया गया था, जिसने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि नाबालिग लड़की से दुष्कर्म उसके सम्मान को राक्षसी तरीके से गर्त में दफनाना है।

अदालत ने इस मामले के घटनाक्रम का हवाला देते हुए कहा कि दोषी उसका पड़ोसी था और उसने लड़की को बहलाया फुसलाया, उसके साथ दुष्कर्म किया और दो बड़े पत्थरों से कुचल कर उसकी हत्या कर दी।

ये भी पढ़े – Karnataka Elections 2023: घोषणा-पत्र में बजरंग दल(Bajrang Dal) पर प्रतिबंध के दावे पर कांग्रेस का यू-टर्न, अब कहा-ऐसा कोई प्रस्‍ताव नहीं

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version