निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने राज्य की टीमों को 185 अंतर-राज्यीय चेक पोस्टों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) (ईसीआई) ने मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार के नेतृत्व में आज मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों, नोडल पुलिस अधिकारियों, सीएपीएफ के नोडल अधिकारी और प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इन एजेंसियों में कर्नाटक व इसके सीमावर्ती राज्यों- गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल के तटरक्षक, एनसीबी, आयकर विभाग आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य मौजूदा कर्नाटक विधानसभा चुनाव- 2023 को लेकर चुनाव प्रबंधन और विधि व कानून व्यवस्था के समन्वय की समीक्षा करना था।
इस समीक्षा बैठक के दौरान सीईसी राजीव कुमार ने कर्नाटक की टीमों को राज्य की सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से छह पड़ोसी राज्यों के 185 अंतरराज्यीय चेक पोस्टों पर सतर्कता की जरूरत पर जोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अवैध नकदी, शराब, नशीले पदार्थ, मुफ्त उपहारों की सीमा पार आवाजाही न हो। वहीं, सीईसी ने अब तक 305 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती (कर्नाटक विधानसभा चुनाव- 2018 में केवल 83 करोड़ रुपये की तुलना में) का उल्लेख करते हुए धन बल को नियंत्रित करने में विफल स्थानीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए कहा। इसके अलावा श्री राजीव कुमार ने अधिकारियों से राज्य में प्रलोभन मुक्त चुनाव के आयोग के संकल्प को पूरा करने के लिए सीमावर्ती राज्यों की सहायता से जब्ती को और बढ़ाने व इसके उल्लंघनकर्ताओं के बीच प्रशासन का भय उत्पन्न करने को कहा। उन्होंने तटरक्षक व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने और नशीले पदार्थों के खतरे को कम करने में सहायता करने के निर्देश दिए।
सीईसी ने अधिकारियों को चुनावी वातावरण को खराब करने वाले किसी भी उल्लंघन और फर्जी सामाग्रियों (कंटेंट) के लिए सोशल मीडिया पर सख्त नजर रखने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से मतदान में बढ़ोतरी के लिए युवा और शहरी मतदाताओं की भागीदारी के स्तर को और अधिक बढ़ाने का अनुरोध किया।
वहीं, चुनाव आयुक्त श्री अनूप चन्द्र पाण्डेय ने अधिकारियों को असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, लंबित गैर- जमानती वारंटों का अनुपालन करने और चुनावी अवधि के दौरान कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा, जिससे भय व पक्षपात के बिना चुनाव सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने अवैध शराब की जब्ती में सुधार की संभावना पर जोर दिया। श्री पाण्डेय ने अधिकारियों को इसके प्रमुख सरगना के खिलाफ कार्रवाई करने, शराब के भंडारण को रोकने और निर्यात के लिए निर्मित या कानून के तहत परिभाषित उपयोग के अलावा शीरे का कोई दूसरा उपयोग न हो, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
चुनाव आयुक्त श्री अरुण गोयल ने अधिकारियों से कहा कि वे जनता को किसी तरह की परेशानी दिए बिना सतर्कता को मजबूत करें और जब्ती के बाद की कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस समीक्षा का उद्देश्य पड़ोसी राज्यों को भी चुनावों को सुचारू रूप से कराने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए संवेदनशील बनाना है।
इस बैठक में गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (पुलिस), सीआरपीएफ के आईजी, रेलवे के कार्यकारी निदेशक (टीटी व कोचिंग) और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।