साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां मंथन में जुट गई है एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) नौ साल सत्ता में रहने के बाद चुनावों के मद्देनजर जोड़ तोड़ में लगी है, तो वहीं दूसरी तरफ सत्ता से बाहर रही कांग्रेस भी अपनी राजनीतिक बिसात बिछा रही है द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की 2019 में एनडीए से अलग हो चुकी इस पार्टी के प्रमुख से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी एक बार फिर एनडीए के गठबंधन में शामिल हो सकती है।
दरअसल पिछले दो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस को बुरी तरह हराकर बहुमत हासिल किया था कांग्रेस को हराने के बाद बीजेपी ने कई राज्यों में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों पर भी अलग अलग तरह के पैंतरे आजमाए नतीजतन पिछले कुछ सालों में कई सहयोगी दलों ने BJP का साथ छोड़ दिया वहीं दूसरी तरफ धीरे धीरे कई विपक्षी दल एकजुट होने लगे विपक्षी एकजुटता का सबसे बड़ा उदाहरण नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान देखने को भी मिला जब पीएम मोदी से उद्घाटन के विरोध में 19 पार्टियां समारोह से गायब रही इसके अलावा दिल्ली में उपराज्यपाल को अधिकार देने वाले केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में भी एक दर्जन पार्टियां आम आदमी पार्टी के साथ आ गई ऐसे में सवाल उठता है कि वर्तमान में विपक्ष के एक साथ होने के बाद BJP की नई स्ट्रेटजी क्या होगी? क्या पार्टी को पुराने साथी याद आ रहे है।
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