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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) ने जी20 बैठक को संबोधित करते हुए भारत का उल्लेख एक उभरती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के रूप में किया

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) ने जी20 बैठक को संबोधित करते हुए भारत का उल्लेख एक उभरती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के रूप में किया
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) ने जी20 बैठक को संबोधित करते हुए भारत का उल्लेख एक उभरती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के रूप में किया
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) ने जी20 बैठक को संबोधित करते हुए भारत का उल्लेख एक उभरती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के रूप में किया

मंत्री महोदय के अनुसार भारत उन गिने- चुने देशों में से एक है जिन्होंने अंतरिक्ष में संपूर्ण क्षमता का निर्माण किया है; परिणामतः ऐसी अंतरिक्ष आधारित सेवाओं की भारी मांग है, जिसमें बड़ी व्यावसायिक क्षमता है आज यहां जी20 अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था नेताओं की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी त्तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत का उल्लेख एक उभरती हुई अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के रूप में किया है।

जी20 अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था नेताओं की बैठक भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग द्वारा भारत की जी20 की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है।

मंत्री महोदय ने कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में से एक है जिन्होंने अंतरिक्ष में संपूर्ण क्षमता का निर्माण किया है। इन वर्षों में, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप ऐसी अंतरिक्ष आधारित सेवाओं की भारी मांग है, जिसमें बड़ी व्यावसायिक क्षमता हैI

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में, सरकार ने 2020 के अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों के माध्यम से भारतीय निजी उद्योग के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने का फैसला किया है, ताकि भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) के साथ शुरू से अंत तक (एंड-टू-एंड) की अंतरिक्ष गतिविधियों में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके।

मंत्री महोदय ने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य निजी उद्योगों को भारत की अंतरिक्ष यात्रा में सह-यात्री बनाना है, जिससे उन्हें अंतरिक्ष गतिविधियों के अंत तक स्वतंत्र रूप से कार्य शुरू करने की अनुमति मिल सके। साथ ही निजी उद्योग की बढ़ी हुई भागीदारी के परिणामस्वरूप अंततः वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ेगा।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) ने कहा कि निजी उद्योगों की भागीदारी को बढ़ावा देने और उन्‍हें अधिकृत करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर – इन-स्पेस – आईएन – एसपीएसीई) नामक एक नोडल इकाई बनाई गई है। आईएन – एसपीएसीई के निर्माण को भारतीय अंतरिक्ष उद्योग से अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। पहला निजी तौर पर निर्मित साउंडिंग रॉकेट पिछले नवंबर में प्रक्षेपित किया गया था और एक अंतरिक्ष स्टार्ट-अप ने इसरो (आईएसआरओ) के प्रक्षेपण परिसर (लॉन्च कॉम्प्लेक्स) के अंदर एक लॉन्च पैड स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि कुछ स्टार्ट-अप्स ने उपग्रहों का निर्माण और प्रक्षेपण किया है।

मंत्री महोदय ने कहा कि निजी निवेश को और अधिक बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की अंतरिक्ष नीति को मंजूरी दी थी, जो अंतरिक्ष गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में निजी भागीदारी के लिए परिकल्पना और प्रोत्साहन करती है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) ने बेंगलुरु में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के नेताओं की बैठक और शिलांग में अग्रगामी (प्रीकर्सर) कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अंतरिक्ष विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों का प्रमुख उद्देश्य भविष्य में अंतरिक्ष को जी20 चर्चाओं का एक औपचारिक तत्व बनाना होना चाहिए। मंत्री महोदय ने विचार-विमर्श में भाग लेने के लिए राजनयिकों, राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रमुखों और जी20 के अंतरिक्ष उद्योगों एवं अतिथि देशों को शुभकामनाएं दी।

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