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UNDP ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए डीएवाई-एनयूएलएम के साथ साझेदारी की

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UNDP ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए डीएवाई-एनयूएलएम के साथ साझेदारी की
UNDP ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए डीएवाई-एनयूएलएम के साथ साझेदारी की

यह विभिन्न क्षेत्रों में उद्यम प्राररम्भ करने/विस्तार करने की इच्छुक महिलाओं के लिए सहायता देने की साझेदारी है।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) ने उद्यमिता के क्षेत्र में सुविज्ञ कैरियर विकल्प बनाने में महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक सहयोग साझेदारी की है।

यह साझेदारी देखभाल अर्थव्यवस्था, डिजिटल अर्थव्यवस्था, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, अपशिष्ट प्रबंधन, खाद्य पैकेजिंग और अन्य क्षेत्रों में अपना उद्यम प्रारम्भ करने और उद्यम का विस्तार करने की इच्छुक महिलाओं के लिए सहायता प्रदान करेगी। उद्यमिता विकास को प्रोत्साहित करने और उद्यम विकास में तेजी लाने पर केंद्रित तीन वर्ष की यह परियोजना, जिसे 2025 से आगे बढ़ाया जा सकता है, प्रारंभिक चरण में आठ शहरों को कवर करेगी।

साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और डीएवाई-एनयूएलएम और पीएम स्वनिधि के मिशन निदेशक श्री राहुल कपूर ने कहा, “डीएवाई-एनयूएलएम का महत्वपूर्ण उद्देश्य शहरी समुदायों को सशक्त बनाना है। हमें आशा है कि UNDP के साथ इस साझेदारी से हम मिशन के अंतर्गत अपने कार्यों को अधिक प्रभावी तथा प्रभावशाली बनाने में सक्षम होंगे।

UNDP इंडिया की आवासीय प्रतिनिधि सुश्री शोको नोडा ने कहा, “महिला उद्यमिता, वित्तीय स्वतंत्रता और लिंग मानकों को नया आकार देने के लिए प्रमाणित रणनीति है। आज भारत में कुल उद्यमियों में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 15 प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर, हम न केवल महिलाओं को सशक्त बनाते हैं, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देते हैं और एक सुखी और स्वस्थ समाज सुनिश्चित करते हैं। UNDP और डीएवाई-एनयूएलएम इस समावेशी उद्यमिता ईकोसिस्टम के निर्माण के लिए एक साथ आ रहे हैं।”

UNDP 2,00,000 से अधिक महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसरों से जोड़ने में अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए डीएवाई-एनयूएलएम के लिए राष्ट्रीय स्तर की क्षमता प्रदान करेगा। यह सहयोग ज्ञान सृजन और प्रबंधन पर फोकस करेगा, जैसे राष्ट्रीय स्तर की योजनाओं के कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए शहरी गरीबी से संबंधित श्रेष्ठ व्यवहारों के संग्रह को संकलित करना। अपनी व्यापक क्षेत्रीय विशेषज्ञता के आधार पर यूएनडीपी और डीएवाई-एनयूएलएम विशेष रूप से देखभाल अर्थव्यवस्था क्षेत्र में नवाचारी समाधान प्रदान करने में सहयोग करेंगे।

UNDP और डीएवाई-एनयूएलएम संयुक्त रूप से ऑन-ग्राउंड मोबिलाइजेशन गतिविधियों में शामिल होंगे, जिसमें शहरी गरीबी तथा संभावित उद्यमियों के पॉकेट को चिन्हित करने के साथ ही व्यवसाय विकास सेवाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करना भी शामिल है। व्यवसायों को औपचारिक बनाने, बैंक लिंकेज स्थापित करने, वित्त और बाजारों तक सुरक्षित पहुंच के लिए समूह को सहयोग समर्थन प्रदान किया जाएगा। यूएनडीपी चयनित परियोजना स्थानों में बिज-सखी नामक सामुदायिक व्यवसाय मेंटर (सलाहकार) विकसित करके पहल में भी योगदान देगा। मूल्यवान और व्यावसायिक ज्ञान सम्पन्न ये सलाहकार नए और वर्तमान उद्यमों को समर्थन दे सकते हैं और बाद के चरण में डीएवाई-एनयूएलएम के लिए संसाधन के रूप में काम कर सकते हैं।

डीएवाई-एनयूएलएम का उद्देश्य कौशल विकास के माध्यम से स्थायी आजीविका के अवसरों को बढ़ाकर शहरी गरीबों का उत्थान करना है। यह योजना सभी 4,041 वैधानिक शहरों और कस्बों में अपने कवरेज का विस्तार करती है, जिससे भारत की अधिकांश शहरी आबादी को कवर किया जाता है। डीएवाई-एनयूएलएम ने अपने आउटरीच प्रयासों के माध्यम से पूरे भारत में 8.4 मिलियन से अधिक शहरी गरीब महिलाओं को सक्रिय बनाया है, जिससे 4,000 से अधिक शहरों में 8,31,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) का गठन हुआ है। उनकी प्रभावशाली जमीनी पहल आर्थिक सशक्तिकरण की सुविधा प्रदान करती है और एससी/एसटी, अल्पसंख्यकों, महिला नेतृत्व वाले परिवारों, स्ट्रीट वेंडर्स और कचरा बीनने वालों सहित शहरी आबादी के हाशिये वाले वर्गों की आवाज को और मुखर बनाती है।

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