श्री वैभव गहलोत और श्रीमति हिमांशी गहलोत (श्री वैभव गहलोत की पत्नि) के द्वारा पांच सितारा होटलो में बेनामी व्यवसाय किया जा रहा है और ऐसे व्यवसायो से अर्जित की गयी धन राशि को विभिन्न माध्यमो से एकत्र किया जाकर प्राप्तशुदा राशि को आगे श्री वैभव गहलोत और श्रीमति हिमांशी गहलोत की एक डमी कंपनी “सन लाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड” में स्थानांतरित किया जा रहा है।
CM अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के समय में उक्त कम्पनी “ट्राईटन होटल एंड रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड (फेयर मौन्ट होटल) को निर्माण की स्वीकृति जे. डी.ए. द्वारा दिनांक 21.08.2009 को जरिये पंजीकृत लीज डीड एवं स्वीकृत नक्शा दिया गया था एवं RIICO द्वारा फेयर माउंट होटल का निर्माण दिनांक नवंबर 2009 को स्वीकृत किया गया था
यह कि होटल फयर माउंट जयपुर एक कंपनी ट्राईटन होटल एंड रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड” के स्वामित्व में है। श्री गहलोत ने एक शैल और फर्जी कम्पनी सिवनार होल्डींगस लिमिटेड के नाम पर 96,75,00,000/- रूपये मारीशियस से बेनामी रूप से निवेश किया गया है। यह कि प्रथम रूप से “सिवनार होल्डींगस लिमिटेड” एक फर्जी एवं शैल कम्पनी है जो कि मूल कंपनी “जेटीसी फिड्सीरी सर्विसेट लिमिटेड” (पूर्व नाम मिनर्वा फिडयूशीयरी लिमिटेड) मारीशियस के पते पर पंजीकृत ळें
यह कि उक्त कथन के प्रमाण परिशिष्ट 2 पर अवलोकनार्थ संलग्न है जिससे यह स्पष्ट है कि ट्राइटन होटल एण्ड रिसोर्ट प्रा. लि. (फेयर मौन्ट) में पच्चास प्रतिशत की हिस्सेदारी रतनकान्त शर्मा एवं उनकी पत्नि श्रीमती जूही शर्मा की है व अन्य बेनामी पच्चास प्रतिशत हिस्सेदारी श्री गहलोत की “सिवनार होल्डींगस लिमिटेड” फर्जी एवं शैल मारीशियस की कम्पनी के नाम से है ।
यह कि मारीशियस की शैल एवं डमी कम्पनी सिवनार होल्डींगस लिमिटेड” मूल रूप से “जेटीसी फिड्यूशीयरी सर्विसेट लिमिटेड” मारीशियस के द्वारा बनाई गई है । प्रथम रूप से सिवनार होल्डींगस लिमिटेड”, जेटीसी फिड्यूशीयरी सर्विसेस लिमिटेड’ के पते पर ही पंजीकृत है जो सुईट 2004. लेवल 2 अलेक्जेंडर हाउस एबेने मॉरीशियस में है । यह कि जेटीसी फिड्यूशीयरी सर्विसेस लिमिटेड” पूर्व में मिनर्वा फिड्यूशीयरी लिमिटेड थी एवं मिनर्वा फिड्यूशीयरी लिमिटेड को जेटीसी फिड्यूशीयरी सर्विसेस लिमिटेड द्वारा वर्ष 2018 में अधिग्रहित (acquire) कर लिया गया एवं वर्तमान में इसका नाम जेटीसी फिडयूशीयरी सर्विसेस लिमिटेड ही है । यह कि उक्त अधिग्रहित ( acquire) के प्रमाण स्वरूप परिशिष्ट 3 पर अवलोकनार्थ संलग्न है ।
यह कि सिवनार होल्डींगस लिमिटेड के डायरेक्टर श्री नवाज नीरज और श्री थमोथिराम मनोगरन है, जो कि वास्तव में जेटीसी डियूशियरी लिमिटेड (पूर्व में मिनर्वा फिड्यूशीयरी लिमिटेड) के व्यक्ति है एवं श्री थमोथिराम मनोगरन, वास्तव में मिनर्वा फिड्यूशीयरी लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक थे, जिसे बाद में जेटीसी फिडुशियरी लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था और अब श्री थमोथिराम मनोगरन इस मनी लॉन्ड्रिंग और फंड मैनेजमेंट कंपनी जेटीसी फिडुशियरी (मॉरीशस) लिमिटेड के डायरेक्टर है । यह कि श्री नवाज नीरज भी जेटीसी फिडुशियरी (मॉरीशस) लिमिटेड के व्यक्ति है जो कि जे.टी.सी. में प्राइवेट क्लाइंट के डायरेक्टर के पद पर हैं। यह कि मेरा आरोप है कि जे.टी.सी. में उक्त प्राइवेट क्लाइंट CM अशोक गहलोत परिवार से हैं जो काले धन को मारीशियस की कम्पनी के जरिये काले धन को सफेद करने में लगे हुये हैं।
यह की सिवनार होल्डिंग लिमिटेड के डायरेक्टर्स की सूचि एवं उक्त दोनों व्यक्ति नवाज नीरज व् थामोथीराम की प्रोफाइल उक्त कथन के प्रमाण बाबत परिशिष्ट 4 पर व् अवलोकनार्थ संलग्न है।
यह कि सबसे प्रमुख रूप से यहाँ उल्लेख किया जाना आवश्यक है कि जे. टी.सी. फिड्यूशीयरी लिमिटेड (पूर्व में मिनर्वा फिडयूशीयरी लिमिटेड के नाम से थी एक हवाला कम्पनी है एवं पनामा पेपर्स लीक स्कैम में लिप्त है ।
यह कि पनामा पेपर्स लीक में ICIJ Offshoreleaks (International Consortium of Investigative Journalist Association) के द्वारा मनी लान्डरिंग एवं अघोषित आय रखने वाले रसूखदार व्यक्तियों के नाम का डाटा लीक किया गया था जिसमें 953 भारतीय निवेशकों के नाम आये थे एवं पनामा पेपर्स लीक में 20,000 करोड रूपये की अघोषित आय पाया जाना संसद में दिनांक 27.07.2021 को वित मंत्रालय केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था और परिणामस्वरूप उक्त अघोषित आय पर 142 करोड रूपये का कर आयकर विभाग ने वसूल किया था।
यह कि उक्त कथन के प्रमाण बाबत दस्तावेज परिशिष्ट संख्या 5 पर अवलोकनार्थ सलंग्न है जिससे यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित होता है कि मिनर्वा होल्डिंग लिमिटेड (वर्तमान में जे. टी. सी फिड्युसीएरी सर्विसेज लिमिटेड) एक हवाला कम्पनी है जो कि पनामा पेपर्स लीक में लिप्त थी एवं सिवनार फिड्यूशियरी लिमिटेड गहलोत परिवार के लिये जे.टी.सी फिड्युसीएरी सर्विसेज लिमिटेड ( पूर्व में मिनर्वा होल्डिंग लिमिटेड ) द्वारा बनाई गई एक शैल एवं उमी कम्पनी है जिसका एक मात्र उद्धेश्य गहलोत परिवार के द्वारा कमाये गये काले धन को मारीशियस रूट के जरिये सफेद करने का है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि टाइटन होटलस एण्ड रिसोर्ट लिमिटेड फेयर मौन्ट होटल एवं सिवनार होल्डींगस लिमिटेड, उक्त दोनों ही कम्पनीयों वर्ष 2007 में एक साथ बनाई गई है एवं सिवनार होल्डींगस लिमिटेड प्रथम दिन से सदैव ही फेयर मौन्ट होटल में पच्चास प्रतिशत हिस्सेदार बनी आ रही है जिससे यह स्पष्ट होता है कि सिवनार होल्डींगस लिमिटेड एक genuine investor नहीं है एवं गहलोत परिवार की हिस्सेदारी रखने के लिये बनाई गई एक शैल व डमी कम्पनी है ।
टाइटन होटलस एण्ड रिसोर्ट लिमिटेड फेयर मौन्ट होटल एवं सिवनार होल्डींगस लिमिटेड के स्थापना वर्ष 2007 से संबंधित दस्तावेज परिशिष्ट 6 पर अवलोकनार्थ संलग्न है ।
यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि शिवनार होल्डिंग लिमिटेड ने घाटे में चल रही कंपनी फेयरमाउंट होटल में आधा स्वामित्व भारी प्रीमियम कीमत पर खरीदा है तथा शिवनार होल्डिंग लिमिटेड ने मूल रूप से कंपनी के 50 प्रतिशत स्वामित्व के लिए भारी धनराशि का निवेश किया था और होटल के वास्तविक बाजार मूल्य को संतुलित करने के लिए शेयरों को कम हिस्सेदारी के लिए एक 100 रूपये के शेयर को 39,000 रूपये व 2.200 रूपये प्रीमियम मूल्य पर खरीदा गया है जिसका विवरण निम्नानुसार है:-
यह कि उक्त कथन के प्रमाण बाबत दस्तावेज परिशिष्ट 7 पर अवलोकनार्थ संलग्न है।
इस प्रकार शिवनार होल्डिंग लिमिटेड के होटल फेयरमाउंट में कुल 4,27,500 की शेयरधारिता है। इसके अलावा श्री वैभव गहलोत लंबे समय तक होटल फेयरमाउंट में कानूनी सलाहकार थे और उनके निर्देश पर श्री गहलोत के पैसे का सारा निवेश ऐसे ही बेनाम तरीके से किया जाता है।
यह कि श्री वैभव गहलोत का श्री रतनकांत शर्मा और होटल फेयरमाउंट से सीधा संबंध है जो कि विस्तार में निम्न उल्लेख है – श्री वैभव गहलोत लंबे समय तक होटल फेयरमाउंट में कानूनी
सलाहकार रहे हैं एवं फेयरमाउंट में बोगस travelling bill बनाए जा रहे है और ऐसे सभी बिलो का भुगतान श्री वैभव गहलोत और उनकी पत्नि श्रीमति हिमांशी गहलोत की कंपनी ‘सन लाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को किया जाता है सन लाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड” में श्री वैभव गहलोत और उनकी पत्नि श्रीमति हिमांशी गहलोत मालिक व डायरेक्टर हैं ।
यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि श्री रतनकांत शर्मा जो कि CM अशोक गहलोत के कारोबार का प्रबंधन करते हैं और होटल फेयर माउंट जयपुर और रेफल्स उदयपुर होटल के मालिक है, तथा इससे पहले श्री गाहलोत की कम्पनी “सनलाईट कार रेन्टल सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड में श्री वैभव गहलोत के साथ बराबर हिस्सेदारी 50 प्रतिशत के मालिक थे एवं बाद में रतनकान्त शर्मा बदनियतिपूर्वक व जानबूझकर उक्त कम्पनी से बाहर हो गये और तभी से फेयर माउंट होटल्स से करोड़ो रूपये प्रति वर्ष जाली एवं फर्जी बिल का भुगतान सन लाइट कार रेंटल में वैभव गेहलोत को किया जा रहा है । यह कि इन दो होटलो में अपने लाभ के हिस्से के रूप में श्री गहलोत को धन हस्तांतरित करने के लिए यह सिर्फ एक नकली जाली प्रक्रिया है। यह कि उक्त कथन के प्रमाण बाबत दस्तावेज परिशिष्ट 8 पर अवलोकनार्थ संलग्न है ।
चरागाह भूमि पे कब्ज़ा एवं बंजारों के परिवार को जबरन बेदखल करना
यह की ट्राइटन होटल (फेयर माउंट) का निर्माण खसरा नंबर २०६० एवं २०६१ २२६७ पर केवल 15 प्रतिशत भूमि पर हुआ था लेकिन रतनकांत शर्मा द्वारा वैभव गेहलोत के साथ मिल कर राजनीतिक रसूक का दुरूपयोग करते हुए होटल का निर्माण लगभग पूर्ण भूमि पर कर लिया है एवं इतना ही नहीं वहाँ २० ३० वर्ष से महिला एवं बच्चो समित रह रहे बंजारा परिवारों को जबरन मार पीट कर खसरा नंबर 204 की चरागाह भूमि से बेदखल करने की कोशिश करी है ताकी वहाँ भी अवैध रूप से होटल की नई बिल्डिंग का निर्माण हो सके जिसके चलते जयपुर विकास प्राधिकरण के अफसरों द्वारा भी गैरकानूनी नोटिस देके उक्त भूमि को नाले की भूमि बता के बंजारों को बेदखल करने की कोशिश करी है जबकि जमाबंदी अनुसार वहा कोई नाला नहीं है खसरा नंबर 204 तहसील आमेर चरागाह भूमि है एवं माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश दिनांकित 08-12-2015 अनुसार जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी बिना बंजारों के परिवार का पुनर्वास करे बिना उन्हें सार्वजनिक भूमि पे लम्बे समय से चले आ रहे कब्जे से बेदखल नहीं कर सकते परन्तु गेहलोत सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने होटल से गैरकानूनी वित्तीय लाभ के लिए एवं होटल की नई बिल्डिंग के निर्माण के लिए पूर्व में भी बंजारों के परिवार को उक्त जमीन खसरा नंबर 204 तहसील आमेर से जबरन गुंडागर्दी से एवं जे डी ए के अधिकारियो के साथ मिली भगत करके होटल फेयर माउंट के मालिकों ने बंजारों के परिवार को महिला बच्चे समित 150 मीटर बेदखल कर धकेल दिया था अब दोबारा उन्हें वर्तमान में वहाँ से बंजारों को जबरन मार पिट कर हटाना चाहती है जिसके विरुद्ध बंजारों द्वारा थाना आमेर में FIR
संख्या 0249 दर्ज है एवं पुलिस गेहलोत सहाब के राजनैतिक दवाब के कारण उक्त एफ आई आर में सही एवं न्यायपूर्ण अनुसन्धान भी नहीं कर रही है एवं पुलिस अकारण शीघ्रता दिखा के उक्त एफ आई आर को बंद करना चाहती है जबकि परिवादी बंजारा पाण्डु राम द्वारा लिखित में उक्त एफ आई आर में विभिन्न विभागों से दस्तावेजी सबूत एवं गवाह इकट्ठा कर पेश करने के लिए कुछ दिन का समय चाहा है परन्तु पुलिस समय दिए बिना उन्हें बार बार नोटिस देकर उक्त प्रकरण में एफआर लगाने के लिए आतुर है!
संबंधित दस्तावेज एफ आई आर एवं माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय का आदेश परिशिष्ट 9 पर अवलोकनार्थ संलग्न है।
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