भाजपा ने चुनावी सीजन में सोशल मीडिया (Social Media) इंफ्लूएंसर को फोकस किया है। नेशनल लेवल से लेकर लोकल लेवल तक उनसे संवाद किया जा रहा है राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भाजपा इस मामले में पहले से एग्रेसिव नजर आ रही है। वह एक बार फिर इसमें लीड लेना चाहती है।
हालांकि कांग्रेस भी पिछले कुछ साल में सोशल मीडिया (Social Media) पर वार करने में पीछे नहीं रही है। लेकिन बीजेपी ने नेशनल से लेकर लोकल लेवल तक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर पर फोकस करना शुरू कर दिया है।
नेशनल लेवल से ही इनके लिए कंटेंट और मैपिंग की व्यवस्था भी आने वाले दिनों में की जाएगी। राजस्थान में कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए भी भाजपा सोशल मीडिया को एक बड़े हथियार के तौर पर उपयोग करेगी। 2 दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी के साथ सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के संवाद में इन सब मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
भाषा का ध्यान रखें, किसी केस में न पड़े
भाजपा नेताओं ने सीख दी है कि जब भी सोशल मीडिया (Social Media) पर मोदी सरकार के पक्ष में अपनी बात रखें या विपक्ष का खंडन करें तो भाषा का ध्यान रखें। कई राज्यों में भाषा को लेकर सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर पर केस दर्ज हुए हैं। एक जगह तो NSA भी लगा दिया गया।
अपनी बात तर्क और तथ्य के साथ रखें, बहस नहीं
जिस भी बात को रखना है उसके लिए तर्क महत्वपूर्ण है। राष्ट्रवाद के मुद्दे पर बहस करने की बजाय तथ्य और तर्क के साथ बात रखेंगे तो मजबूती मिलेगी। ऐसे कई सामान्य टॉपिक जो भी पूरे देश भर में चर्चा में हैं उनका कंटेंट और फैक्ट नेशनल टीम से लिया जा सकता है।
लोकल इश्यू को भुनाए
सोशल मीडिया (Social Media) इन्फ्लूएंसर को चुनाव में उपयोग करने के लिए राजस्थान गवर्नमेंट के लोकल इश्यू या स्थानीय विधायक के इश्यू पर भी काम करने का मंत्र दिया गया है। इसमें एग्रेसिव तरीके से भाजपा आगे बढ़ेगी।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सबसे ज्यादा सवाल
पूरे देश में सबसे बड़ा मुद्दा यूनिफॉर्म सिविल कोड का है। जोधपुर के जो सोशल मीडिया (Social Media) इन्फ्लूएंसर है, उनमें भी सबसे ज्यादा बार पूछा जाने वाला सवाल भी यही है। इसका जवाब क्या होगा, यह भी बताया गया है।
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