प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता का संरक्षण महत्वपूर्ण है : केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे
जन जैव विविधता रजिस्टर (People’s Biodiversity Register) को अद्यतन बनाने और सत्यापन के लिए राष्ट्रीय अभियान आज गोवा में प्रारम्भ किया गया। यह भारत की समृद्ध जैविक विविधता के प्रलेखन और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गोवा राज्य जैव विविधता बोर्ड, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण और गोवा सरकार के सहयोग से केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित समारोह में सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई। विशिष्ट अतिथियों में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, गोवा के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री नीलेश कबराल, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सी.अचलेंद्र रेड्डी और अन्य वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधि शामिल थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कार्यक्रम के दौरान प्रकृति में मौजूद नाजुक संतुलन को बनाए रखने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति में मौजूद नाजुक संतुलन को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। उतना ही उसे वापस लौटाना चाहिए जितना कोई इससे लेता है। उन्होंने जैव विविधता के संरक्षण के महत्व पर बल देते हुए कहा कि प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता का संरक्षण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता अधिनियम, 2002 के प्रावधानों को लागू करने में सफलता प्राप्त करने के लिए लोगों की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि न केवल जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है बल्कि इन प्रावधानों के पीछे के विचार को सफल बनाने के लिए लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने उपस्थित लोगों को बताया कि अब तक देश में 2,67,608 जन जैव विविधता रजिस्टर (पीबीआर) तैयार किए जा चुके हैं, जिन्हें जन जैव विविधता रजिस्टर (People’s Biodiversity Register) प्रबंधन समितियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों तथा उनसे जुड़े पारंपरिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। उन्होंने लोगों की जैव विविधता रजिस्टरों को डिजिटल बनाने, उन्हें ई-पीबीआर में बदलने की दिशा में की जा रही प्रगति का भी उल्लेख किया।
उन्होंने 01 नवंबर, 2021 को ग्लासगो में सीओपी-26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत “लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (लाइफ)” की अवधारणा के महत्व पर प्रकाश डाला। यह अवधारणा पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए विश्व स्तर पर व्यक्तियों और संस्थानों को सचेत और सोचे-समझे रूप में संसाधनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने का आह्वान करती है। मंत्री महोदय ने बताया कि किस तरह पीबीआर की तैयारी और अद्यतन बनाने जैसे कार्य भी मिशन लाइफ के दर्शन के अभिन्न अंग हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने इस राष्ट्रीय अभियान को प्रारंभ करने के लिए गोवा को साइट के रूप में चुने जाने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने जैव विविधता के संरक्षण में गोवा के लोगों के उल्लेखनीय प्रयासों को स्वीकार किया और इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में स्थानीय समुदायों की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में गोवा की सफलताएं जमीनी स्तर पर लोगों के उत्साह की सफलताएं हैं। सरकार केवल स्थानीय समुदायों को जैव विविधता को संरक्षित करने के उनके प्रयासों को समर्थन दे सकती है और इसलिए हर सफलता समुदाय की है।
अभियान के शुभारंभ के अतिरिक्त, कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक जैव विविधता प्रबंधन समिति के अनूठे उत्पादों को दिखाने वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर उत्तर और दक्षिण गोवा में सर्वश्रेष्ठ जैव विविधता प्रबंधन समिति, ग्रीन जर्नलिस्ट अवार्ड के लिए विशेष पुरस्कारों का वितरण किया गया और जैव विविधता के संरक्षण में व्यक्तिगत योगदान को दिखाया गया।
ये भी पढ़े – रामनगरिया थाना क्षेत्र जयपुर (Ramnagaria Police Station Area, Jaipur) में व्यापारी को बुलाकर
Comments