पहले ही चल रहे धान खरीद कार्यों के दौरान 1,71,000 करोड़ रुपये से अधिक के एमएसपी आउटफ्लो के साथ 1.22 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। गेहूं और धान की संयुक्त खरीद के लिए एमएसपी भुगतान पिछले साल के लिए कुल भुगतान 2,05,896 करोड़ रूपये के मुकाबले 2,26,829 करोड़ रुपये किया गया।
खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) 2022-23 के दौरान भारत सरकार द्वारा धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संचालन के तहत 19.06.2023 तक केंद्रीय पूल के लिए 830 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) से अधिक धान की खरीद की गई है। केएमएस 2022-23 के चल रहे धान खरीद कार्यों से अब तक 1.22 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और एमएसपी आउटफ्लो के साथ 1,71,000 करोड़ सीधे उनके खातों में स्थानांतरित किए गए।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि परेशानी मुक्त खरीद संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं की जायें। खरीदे गए धान के बदले चावल की डिलीवरी भी प्रगति पर है और 830 एलएमटी धान (चावल के संदर्भ में 558 एलएमटी) की खरीद के बदले केंद्रीय पूल में लगभग 401 एलएमटी चावल 19.06.2023 तक प्राप्त किया गया है और 150 एलएमटी अभी तक प्राप्त होना बाकी है।
चालू रबी मार्केटिंग सीजन (आरएमएस) 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद भी सुचारू रूप से चल रही है। मौजूदा सीजन में 19.06.2023 तक गेहूं की प्रोग्रेसिव खरीद 262 एलएमटी है जो पिछले साल की कुल खरीद 188 एलएमटी से 74 एलएमटी अधिक है। पहले ही चल रहे गेहूं खरीद कार्यों से एमएसपी आउट फ्लो लगभग रु. 55,680 करोड़ रुपये के साथ लगभग 21.29 लाख किसान लाभान्वित हो चुके हैं। खरीद में प्रमुख योगदान तीन खरीददार राज्यों पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा से क्रमशः 121.27 एलएमटी, 70.98 एलएमटी और 63.17 एलएमटी की खरीद के साथ आया है।
गेहूं और धान की संयुक्त खरीद के लिए एमएसपी भुगतान पिछले साल के लिए कुल भुगतान 2,05,896 करोड़ रूपये के मुकाबले 2,26,829 करोड़ रुपये किया गया।
गेहूं और चावल की वर्तमान खरीद के साथ सरकारी अनाज में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार बनाए रखा गया है। गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक 570 एलएमटी तक पहुंच गया है जो देश को खाद्यान्न की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक आरामदायक स्थिति में रखता है।
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