पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के डिजिटल भारत एवं डिजिटल साक्षर अभियान को लेकर देशभर में चलाए जा रहे आईसीटी(ICT) योजना के तहत लगे आईसीटी कंप्यूटर अनुदेशकों ने आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि आईसीटी योजना के तहत राज्य सरकार प्लेसमेंट एजेंसी के मध्य हुए अनुबंध के आधार पर प्रदेश के 828 (525+303) सरकारी विद्यालयों में कम्प्यूटर अनुदेशकों को नियुक्त किया गया था जो सभी पिछले काफी वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं बिना अवकाश के दे रहे हैं जिससे के बदले सरकार व प्लेसमेंट एजेंसी के मध्य हुए अनुबंध पत्र में मासिक मानदेय 7500 रुपये तथा प्रतिवर्ष मानदेय में 10% की वृद्धि वर्णित है, जबकि प्लेसमेंट एजेंसी के आईसीटी(ICT) कम्प्यूटर अनुदेशकों को ₹4000 से ₹5000 का अल्प मानदेय मासिक वेतन के रूप में देकर कम्प्यूटर अनुदेशकों का मानसिक व शारीरिक शोषण कर रही हैं।
साथ ही बताया कि कम्प्यूटर अनुदेशक भर्ती प्रक्रिया के दौरान जो विज्ञप्ति जारी होने से पूर्व जब सरकारी विद्यालयों में कम्प्यूटर अनुदेशक के पद सृजित हुए थे जिसमें प्रदेश के सरकारी विद्यालय में कार्यरत 828 कम्प्यूटर अनुदेशकों का जिक्र किया था जो प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से अनुबंध पर कार्य कर रहे हैं जिन्हें बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशकों के पद पर यथावत रखना प्रस्तावित किया गया था 9862+828 =10680 पदों का सृजन किया गया प्रदेश के 828 विद्यालयों में प्लेसमेंट एजेंसी के मापक कार्य कर रहे कम्प्यूटर अनुदेशकों के पदों को देश छोड़कर 9862 कम्प्यूटर अनुदेशकों के पदों पर भर्ती की गई थी।
हाल में पेश बजट सत्र 2023 24 में बजट सभा में माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा द्वारा ठेका प्रथा समाप्ति की घोषणा के बाद 828 कार्मिकों के लिए एक आशा की किरण जगी थी और प्लेसमेंट एजेंसी ने 1 अप्रैल 2023 को कुछ समय के लिए उन्हें नियुक्ति पत्र यह देखकर जारी किए गए थे कि इन कम्प्यूटर अनुदेशकों की नियुक्ति भी बजट घोषणा के हिसाब से नवगठित RLSDC या राजस्थान कॉन्ट्रैक्क्युअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल 2022 के अनुसार जल्द ही हो जाएगी। लेकिन एक बार फिर 15 अप्रैल को इन्हें सेवा से मुक्त करें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद्र ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई बजट घोषणा 2023-24 के बिंदु संख्या 159 व 160 में प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्य करने वाले कार्मिकों के लिए अलग से RLSDC सरकारी कम्पनी / राजस्थान कॉन्ट्रैक्क्युअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल 2022 के माध्यम से उन कार्मिकों को नियुक्ति देने की घोषणा जिसमें प्रदेश के सरकारी कार्यालयो में वर्तमान में पहले प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों की नियुक्ति की जानी थी जिसमें आईसीटी योजना के तहत कार्यरत 828 कम्प्यूटर अनुदेशकों को भी शामिल किया जाना था, लेकिन अब इनमे से 525 कम्प्यूटर अनुदेशकों को सेवा से मुक्त कर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। डिजिटल भारत सपने को साकार करने के लिए प्रदेश में करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई कम्प्यूटर लैब अब बिना कम्प्यूटर ऑपरेटर के हो गई है, जो कुछ ही महीने में निष्क्रिय हो जाएंगी।
यह है आईसीटी कम्प्यूटर अनुदेशकों की 3 सूत्रीय मांगे
- आईसीटी(ICT) योजना के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत है 828 कम्प्यूटर अनुदेशकों की नियुक्ति बजट घोषणा के बिंदु 159 व 160 के अनुसार अतिशीघ्र RLSDC सरकारी कंपनी या राजस्थान कॉन्ट्रैक्क्युअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल 2022 के अनुसार जल्द से जल्द करवाई जाए।
- सरकारी विद्यालयों में पहले से कार्यरत 525 कम्प्यूटर अनुदेशक जिन्हें कार्य मुक्त कर दिया गया है उन्हें उन्हें नियुक्ति दिलाई जाए जब तक RLSDC सरकारी कंपनी या राजस्थान कॉन्ट्रैक्क्युअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल 2022 के अनुसार नहीं हो जाती ताकि इन कार्मिकों को बेरोजगार होने से बचाया जा सके।
- आईसीटी(ICT) योजना के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत कम्प्यूटर अनुदेशकों को पैलेस में एजेंसी द्वारा काफी वर्षों से 4000 से ₹5000 का न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है जिसमें नियम अनुसार वेतन वृद्धि के आदेश जारी करवाएं ताकि आईसीटी कम्प्यूटर अनुदेशक महंगाई के दौर में अपना जीवन यापन कर सकें।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद्र, उपाध्यक्ष इमरान खान, प्रदेश सचिव -योगेंद्र सिंह, प्रदेश संयोजक -योगेंद्र द्विवेदी, प्रदेश प्रभारी लखन गुर्जर, प्रदेश महासचिव महेश चंद साहू, प्रदेश प्रवक्ता मुकेश कुमार यादव, संदीप कुमार कंबोज, संयुक्त महामंत्री ओम चौधरी , मंत्री पवन चौधरी, लक्ष्मीबाई रोनिका सिंह, रेखा बाई, प्रिया राजपूत, महेश चंद, रमन कुमार, विजय कुमार, नरहरी, सोहेल खान, चिरंजीलाल, सुमित कटारा, जगसीर सिंह, प्रदीप कुमार, जितेंद्र कुमार, रामकरण, दिनेश कुमार सहित अन्य आईसीटी कम्प्यूटर अनुदेशक उपस्थित रहे।
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