मंगलवार को भूकंप (Earthquake) के बाद कमरों में पंखे हिलने लगे और लोग घरों से बाहर निकल आए।
जम्मू-कश्मीर के डोडा में मंगलवार दोपहर 1:33 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया। दिल्ली-NCR के अलावा पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए। श्रीनगर में लोग दुकानों और घरों से बाहर आ गए। चश्मदीद ने कहा कि झटके इतने ज्यादा तेज थे कि सभी डर गए।
मंगलवार को ही तिब्बत के शिजांग में भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, सुबह 3:23 बजे यह भूकंप आया। इसका केंद्र जमीन से 106 किलोमीटर नीचे था।
3 महीने पहले दिल्ली-NCR में आया था 6.6 तीव्रता का भूकंप (Earthquake)
3 महीने पहले 21 मार्च को दिल्ली-NCR में रात करीब सवा दस बजे भूकंप 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके झटके UP, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, बिहार में भी महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 133 किमी दक्षिण पूर्व में रहा। भूकंप का केंद्र जमीन से 156 किमी. की गहराई में था। तुर्किये-सीरिया में 6 फरवरी को आए 3 बड़े भूकंप, 57 हजार लोगों की मौत।
इसी साल फरवरी में तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप (Earthquake) के बाद की फुटेज।
6 फरवरी को तुर्किये और सीरिया में 3 बड़े भूकंप आए थे। दोनों देशों में कुल मिलाकर 57 हजार लोग मारे गए थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दोनों देशों में 2 करोड़ 60 लाख लोगों को अब भी मदद की जरूरत है। 75 साल में पहली बार WHO ने इतने बड़े लेवल पर रेस्क्यू ऑपरेशन किया था।
पिछले साल नेपाल में भूकंप (Earthquake) से गई थीं 6 जानें
पड़ोसी देश नेपाल में पिछले साल नवंबर में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था। झटके भारत के दिल्ली, यूपी समेत उत्तर भारत के 5 राज्यों में भी महसूस किए गए थे। इसका एपिसेंटर नेपाल के मणिपुर में जमीन से 10 किमी नीचे था। नेपाल के दोती जिले में घर गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई थी।
2004 में भूकंप (Earthquake) के बाद अंडमान का इंदिरा पॉइंट डूब गया था
26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया में आए भूकंप और फिर सुनामी के चलते अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का इंदिरा पॉइंट जलमग्न हो गया था। यह द्वीप सुमात्रा से 138 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर एक ही लाइट हाउस है जिसका उद्घाटन 30 अप्रैल 1972 को हुआ था। यह भारत के एकदम दक्षिण में स्थित है और इसे भारत का आखिरी बिंदु भी कहा जाता है। 2001 में भुज में आए भूकंप में गई थी 20 हजार लोगों की जान।
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