जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण(Dainik Jagran) को एक बार फिर श्रम न्यायालय से पराजय का सामना करना पड़ा है। उत्तर प्रदेश के नोएडा की श्रम अदालत ने दैनिक जागरण की महिला कर्मचारी पूजा झा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया है कि दैनिक जागरण दो महीने के अंदर पूजा झा को 20 लाख 78 हजार 410 रुपए का भुगतान करे। दैनिक जागरण प्रबंधन को 7 प्रतिशत ब्याज का भुगतान भी करना होगा।
दैनिक जागरण(Dainik Jagran) की गाजियाबाद कार्यालय में ग्राफिक्स डिजाइनर (ट्रेनी) के रुप में एक अगस्त 2011 को जुड़ी पूजा को एक साल बाद दैनिक जागरण ने स्थाई कर दिया। बाद में मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपना वेतन मांगने पर उनके खिलाफ कारवाई की गई।
पहले दैनिक जागरण(Dainik Jagran) ने पूजा को अपरेंटिस माना और कहा कि वे वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा 17 (1) के तहत जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में लाभ पाने की अधिकारी नहीं हैं। मगर पूजा ने कहा कि वे एक साल बाद ही स्थाई हो गई थीं।
उत्तर प्रदेश के नोएडा की श्रम अदालत के पीठासीन अधिकारी प्रदीप कुमार गुप्ता ने पूजा झा के तर्क को सही माना और मेसर्स दैनिक जागरण(Dainik Jagran) प्रकाशन लि. नोएडा को आदेश दिया कि दो महीने के अंदर सात प्रतिशत ब्याज के साथ पूजा झा को 20 लाख 78 हजार 410 रुपए का भुगतान किया जाए।
फिलहाल इस खबर से दैनिक जागरण(Dainik Jagran) के कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। पूजा झा की तरफ से उनका पक्ष अधिवक्ता राजुल गर्ग ने रखा।
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