फिर भी रामगढ़ बीसलपुर (Bisalpur) बांध व ईसरदा बांध के साथ अनेक बांध रह जाएंगे खाली छलकने के बाद 35 – 40 टीएमसी पानी हो जाएगा बर्बाद राजस्थान सरकार अब तक नहीं बना पाई व्यर्थ पानी को सहेजने की योजना बड़ी लापरवाही
मानसून की धमाकेदार एंट्री ओर उससे पूर्व बिपरजॉय चक्रवात के कारण इस बार टोंक के राजमहल में स्थित बीसलपुर (Bisalpur) बांध जुलाई के अंतिम सप्ताह से अगस्त के पहले सप्ताह तक छलकने की संभावना है। जिससे राजधानी जयपुर सहित टोंक,अजमेर व अन्य जिलों के करोड़ों लोगों को दो साल तक पीने का पानी सुलभ हो सकेगा।
जी हां, इस बार का मानसून आमजन के लिए खुशखबरी बनकर आया है। इस साल पिछले साल की तुलना में अधिक बारिश होगी।
प्रदेश में बिपरजॉय चक्रवात के दौरान पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश हुई और इसका सबसे ज्यादा फायदा जयपुर,अजमेर और टोंक जिलों की एक करोड़ से ज्यादा की आबादी की पेयजल जरूरतों को पूरा करने वाले बीसलपुर बांध को मिला।
अब मानसून पूरे प्रदेश में सक्रिय हो गया है। विभागीय सूचना के अनुसार बीते 14 दिन में बीसलपुर (Bisalpur) बांध में 53 सेंटीमीटर से अधिक पानी की आवक हो चुकी है।
मानसून की लगातार झमाझम से दूसरे साल भी बांध छलकेगा और रिकार्ड बनेगा। क्योंकि अब तक के आकलन के अनुसार कोई भी बांध तीन वर्ष में एक बार छलकता है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बीसलपुर (Bisalpur) बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है।
प्रदेश में बिपरजॉय चक्रवात 17 जून को आया और इसके ठीक एक दिन पहले बांध का जलस्तर 312.79 आरएल मीटर था।
चक्रवात के कारण पूरे टोंक जिले और बांध के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश हुई और पानी की आवक शुरू हो गई।
इसके बाद मानसून सक्रिय हो गया और कैचमैंट एरिया में बारिश का दौर शुरू हो गया। ऐसे में पिछले 14 दिन में बांध में 53 सेंटीमीटर पानी की आवक हुई है।
बांध का जल स्तर 312.79 आरएल मीटर से बढ़ कर 313 .29 आरएल मीटर से अधिक हो गया।
जल संसाधन विभाग के इंजीनियर्स के मुताबिक बांध को छलकने के लिए महज सवा दो मीटर पानी की आवक की ही जरूरत होगी।
विभागीय इंजीनियर्स ने बताया कि बांध के छलकने के स्थिति में करीब 40 से 42 टीएमसी पानी को व्यर्थ ही बहाया जाएगा। इस पानी को सहेजने की राजस्थान में कोई योजना अब तक नहीं बन पाई है। उन्होंने बताया की पिछले वर्ष बांध 47 दिनों तक छलकता रहा और 36 टीएमसी पानी बांध से बहाया गया था।
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