मौसम विभाग के अनुसार पूरे देश में मॉनसून समय से पहले पहुंचा है मॉनसून के आने की तारीख 8 जुलाई मानी जा रही थी लेकिन रविवार को ही पूरे देश में मॉनसून ने दस्तक दे दी लेकिन उससे पहले बिपरजॉय ने आकर राजस्थान (Rajasthan) को मुनाफा दे दिया है दरअसल राजस्थान में खरीफ की फसल की बंपर बुआई हो चुकी है।
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो जून में 188 फीसदी ज्यादा बारिश ने किसानों को फायदे में रखा है अकेले राजस्थान (Rajasthan) में बाजरेका रकबा लगभग दोगुना बढ़ा है बात करें अगर पिछले साल के आंकड़ों की तो पिछले साल जून के अंतिम हफ्ते तक 27.42 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हुई।
जो इस साल बढ़कर 53.69 लाख हेक्टेयर है सबसे ज्यादा बाजरे की बुआई की गयी है पिछले साल बाजरे की बुआई 13.53 लाख हेक्टेयर थी जो इस बार 29.22 लाख हेक्टेयर है वहीं बाजरे के अलावा तिलहन और मूंगफली का रकबा भी बढ़ा है इधर सूरजमुखी और सोयाबीन का रकबा घट गया है।
खरीफ फसलों की बुआई बढ़ी
कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 जून तक देश में 203.19 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हो गयी है ये पिछले साल के मुकाबले 85 हजार हेक्टेयर से ज्यादा है लेकिन 2021 की तुलना में ये आंकड़ा 91.20 लाख हेक्टेयर कम है साथ ही 2022 में मॉनसून में देरी की वजह से खरीफ की बुआई भी काफी कम हुई थी।
मौसम विभाग के मुताबिक पूरे देश में मॉनसून समय से पहले पहुंचा है मॉनसून के आने की तारीख 8 जुलाई थी, लेकिन रविवार को ही पूरे देश में मॉनसून आ गया लगभग 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जून में बारिश कम रही है।
आईएमडी के मुताबिक 2023 के दौरान पूरे देश में औसत मासिक वर्षा सामान्य (एलपीए का 94 से 106 प्रतिशत) तक रहने का अनुमान है वहीं देशभर में जुलाई के दौरान वर्षा का दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) वर्ष 1971-2020 के आंकड़े पर आधारित है जो करीब 280.4 मिमी बताया गया है।
भूमध्यवर्ती प्रशांत महासागर के गर्म होने का घटनाक्रम (इसे अल-नीनो दशा कहा जाता है) जुलाई में विकसित हो सकता है अल-नीनो का संबंध बारिश में कमी से जोड़ा जाता रहा है। जिसका असर जून में दिखा था और बारिश सामान्य से कम हुई थी।
यहां हुई कम बारिश
जून में महाराष्ट्र में करीब 50 फीसदी कम बारिश हुई, और महज 14.08 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई जो पिछले साल के मुकाबले 10.07 लाख हेक्टेयर कम है।
कर्नाटक में भी महज 11.10 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई, जो 2022 के मुकाबले 12.64 लाख हेक्टेयर कम है।
छत्तीसगढ़ में अब तक सिर्फ 87 हजार हेक्टेयर में बुआई हो पाई है जो पिछले साल 2.33 लाख हेक्टेयर में यह हो चुकी थी।
बिहार में भी 3.42 लाख हेक्टेयर में बुआई हो पाई है, जो पिछले साल से 70 हजार हेक्टेयर कम ही है।
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