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सचिन पायलट (Sachin Pilot) की जनसभा में 13 विधायक पहुंचे, गहलोत पर निशाना

मंत्री हेमाराम ने कहा- CM भ्रष्टाचार का आरोपी मानते हैं तो मंत्रिमंडल से बाहर करें पेपरलीक और करप्शन के खिलाफ सचिन पायलट (Sachin Pilot) की जनसंघर्ष यात्रा आज जयपुर में समाप्त हो गई। यात्रा महापुरा मोड़ से शुरू होकर अजमेर रोड पर एक फेज में ही पूरी हुई। अब यहां सचिन पायलट (Sachin Pilot) की जनसभा हो रही है। माना जा रहा है कि इस सभा में पायलट अगले सियासी कदम की घोषणा कर सकते हैं। सभा में अब तक 13 विधायक पहुंच चुके हैं।

यात्रा के आखिर दिन अच्छी खासी संख्या में सचिन पायलट (Sachin Pilot) के समर्थक पहुंचे। वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने सोमवार को यात्रा हिस्सा लिया। पायलट समर्थक विधायक, मंत्री अब तक इस पैदल यात्रा से दूर थे, लेकिन जनसभा कई जनप्रतिनिधि पहुंचे हैं। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, जीआर खटाना, वेद सोलंकी, सुरेश मोदी, पारीक, हरीश मीणा, खिकाड़ीलाल बैरवा, गिर्राज मलिंगा, दीपेंद्र सिंह शेखावत,मुकेश भाकर और रामनिवास गावडिया इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं।

पांच दिन की जनसंघर्ष यात्रा आज जयपुर में समाप्त हो गई। अब अजमेर रोड पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) जन सभा कर रहे हैं। इसमें उनके समर्थक विधायक-मंत्री भी पहुंचे हैं।

जनसभा में पायलट समर्थक विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा। नागौर की लाडनूं सीट से विधायक मुकेश भाकर ने कहा, ‘गहलोत चाहते हैं कि पायलट पार्टी छोड़कर चले जाएं। हम कहीं नहीं जाएंगे। यहीं रहकर इनकी छाती पर मूंग दलेंगे।’

मंत्री हेमाराम बोले- सीएम के आरोपों से आहत हूं सचिन पायलट की यात्रा में शामिल हुए मंत्री हेमाराम चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत के आरोपों पर पलटवार किया है। मंत्री चौधरी ने कहा मुख्यमंत्री ने जिस तरह के आरोप लगाए हैं, उससे आहत हूं। अगर मुख्यमंत्री पैसे लेने का आरोपी मानते हैं तो मंत्रिमंडल से बाहर कर दें। मुझे मंत्री क्यों बना रखा है? इस यात्रा में नहीं आता तो कहां जाता। हमें बुलाया नहीं था, लेकिन जनता का मूड देख हम आए हैं, हम जनता से दूर कैसे रह सकते हैं।

इससे पहले सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने 11 मई को अजमेर में आरपीएससी के पास से जनसंघर्ष यात्रा शुरू की थी। पांच दिन में 125 किलोमीटर की दूरी तय करके यात्रा जयपुर पहुंची है। इस यात्रा ने पेपरलीक और बीजेपी राज में करप्शन के मुद‌दे को फिर हवा दे दी है। पायलट की यात्रा में उठाए गए बीजेपी राज के करप्शन को लेकर अब आगे भी सियासी विवाद होना तय माना जा रहा है।

पायलट बोले- मौसम बदल रहा है, यात्रा किसी के खिलाफ नहीं, करप्शन के खिलाफ

यात्रा खत्म होने से पहले सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा- मौसम बदल रहा है। यह यात्रा युवाओं के भविष्य के लिए है। सभा में युवाओं को जुड़ना है। जनसंघर्ष यात्रा किसी के खिलाफ नहीं है, यह यात्रा करप्शन के खिलाफ है।

वन मंत्री हेमाराम चौधरी भी आज यात्रा में पहुंचे हैं। यात्रा की शुरुआत में पायलट समर्थक मंत्री-विधायक शामिल नहीं हुए थे। वन मंत्री हेमाराम चौधरी भी आज यात्रा में पहुंचे हैं। यात्रा की शुरुआत में पायलट समर्थक मंत्री-विधायक शामिल नहीं हुए थे। पायलट अगले सियासी कदम की घोषणा कर सकते हैं।

सचिन पायलट (Sachin Pilot) की सभा पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। सभा में युवाओं को बुलाया गया है। पायलट इस सभा में अगले कदम की घोषणा कर सकते हैं। पायलट इस सभा में सरकार को कार्रवाई करने के लिए नए सिरे से डेडलाइन दे सकते हैं। बताया जाता है कि पायलट इस सभा में आगे की रणनीति के बारे में संकेत जरूर देंगे। पायलट ने जिस तरह सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला है। उसके बाद तरह तरह के कयास लग रहे हैं। हालांकि पायलट से जब उनके अगले कदम पर पूछा गया तो सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि अटकलें लगाना छोड़ दीजिए, कांग्रेस की मजबूती के लिए ही काम कर रहा हूं।

यात्रा के अंतिम दिन बड़ी संख्या में पायलट समर्थक पहुंचे रहे हैं। आज जयपुर में सभा होगी। दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने के भी प्रयास।

फिलहाल सरकार के किसी जिम्मेदार नेता ने पायलट से बात नहीं की है। कुछ न्यूट्रल नेता चाहते हैं कि चुनावी साल में गहलोत और पायलट के मतभेद खत्म करवाकर दोनों को एक साथ कैंपेन के लिए मैदान में उतारा जाए। पायलट के अनशन के बाद उनसे बातचीत कर मनाने के लिए एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ को जिम्मा दिया था। कमलनाथ ने पायलट से बात की थी। हालांकि सुलह नहीं हो सकी। एक बार फिर कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अब सुलह की कोशिश का रास्ता तलाशने के लिए लगे हुए हैं।

सचिन पायलट (Sachin Pilot) गुट चाहता है, गहलोत के हाथ पूरा पावर नहीं रहे

सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके खेमे से जुड़े विधायक लंबे समय से सत्ता के विकेंद्रीकरण की मांग कर रहे हैं। पायलट गुट चाहता है कि हाईकमान उनकी राय को भी अहमियत दे। पायलट की सबसे बड़ी और प्रमुख मांग सीएम अशोक गहलोत के हाथ पूरा पावर नहीं रहने देने की है। पायलट गुट चाहता है कि मुख्यमंत्री के पास से गृह, वित्त जैसे अहम विभाग नहीं रहे। पावर सेंट्रलाइजेशन पर भी पायलट गुट नाराज है।

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