आशंका है कि इस इलाके में बिपरजॉय चक्रवात (Biparjoy Cyclone) के चलते सौराष्ट्र में 100 शेरों को हाई सिक्योरिटी अलर्ट पर रखा गया सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगा। ऐसे में राज्य वन विभाग ने शेरों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए अलग-अलग रणनीति पर काम किया है। अधिकारियों के मुताबिक, गिर सोमनाथ-भावनगर मार्ग के पास तट के करीब रहने वाले लगभग 30 शेरों को पहले ही स्थानांतरित कर दिया गया है।
बीट गार्ड्स को शेरों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने या उन्हें उच्च ऊंचाई पर ले जाने के लिए तैयार किया गया है। वन विभाग के अधिकारी लगातार चक्रवात के मार्ग पर नजर रख रहे हैं।
एक बीट गार्ड ने बताया कि अमूमन शेर खाकी पहने बीट गार्ड्स पर हमला नहीं करते हैं। आमतौर पर तीन-चार गार्ड मिलकर शेरों को सुरक्षित जगहों पर ले जाते हैं। गार्ड शेरों को बिना परेशान किए जानवरों की आवाज निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाते हैं। अगर एक शेर को पहाड़ी पर ले जाया जाए तो बाकी एक दो घंटे में उसके पास पहुंच जाते हैं।
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